Aditi Chouhan

Aditi Chouhan

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White मरू भूमि का चांद एक पिता का जीवन नित नये संघर्षों के बीजवपन से सिंचित मरूधरा पर,सूर्य की ऊर्जा से ऊर्जित कर्मभूमि का सूर्य बनकर पुष्प खिलाता है कर्मठता से अपने संतानों की सोई किस्मत भी जगाता है कभी मार्गदर्शन देकर कभी तपिश जीवन की सहकर सारी जिम्मेदारी उठाता है वो पिता बनकर कर्तव्य की बलिवेदी पर पूजित नहीं अपितु अपमान , तिरस्कृत झंझावातों को हर दिन गले लगाता है फिर भी पिता अपने ही अधिकारों से वंचित होकर औलादों के सुख चैन के लिए जीता है नितनये संघर्षों के पुष्प खिलाता है जो उसने बोया उसके फल वो नहीं चख पाता है स्वयं विधाता भी उसकी कर्तव्य परायणता पर मेघाच्छादित होकर अश्रु बहाता है पिता मरूधरा का चांद ही तो कहलाता है शीतलता के साथ कठोरताओं का प्रतिबिम्ब समाहित कर सृजन विकास यात्रा का सुगम तो कर जाता है ©Aditi Chouhan

#Sad_Status  White मरू भूमि का चांद



एक पिता का जीवन 
नित नये संघर्षों के बीजवपन से सिंचित 
मरूधरा पर,सूर्य की ऊर्जा से ऊर्जित 
कर्मभूमि का सूर्य बनकर 
पुष्प खिलाता है 
कर्मठता से अपने संतानों की 
सोई किस्मत भी जगाता है 
कभी मार्गदर्शन देकर 
कभी तपिश जीवन की सहकर 
सारी जिम्मेदारी उठाता है 
वो पिता बनकर 
कर्तव्य की बलिवेदी पर 
पूजित नहीं अपितु 
अपमान , तिरस्कृत झंझावातों 
को  हर दिन गले लगाता है 
फिर भी पिता अपने ही 

अधिकारों से वंचित होकर 
औलादों के सुख चैन के लिए जीता है 
नितनये संघर्षों के पुष्प खिलाता है 
जो उसने बोया 
उसके फल वो नहीं चख पाता है 
स्वयं विधाता भी उसकी 
कर्तव्य परायणता पर 
मेघाच्छादित होकर अश्रु बहाता है 
पिता मरूधरा का चांद ही तो कहलाता है 
शीतलता के साथ कठोरताओं का 
प्रतिबिम्ब समाहित कर सृजन 
विकास यात्रा का सुगम तो कर जाता है

©Aditi Chouhan

#Sad_Status

9 Love

मरूभूमि का चांद बन गया धर्मपिता का जीवन बचपन और जवानी में पैतृक स्थल छूटा, जिम्मेदारी ने कर्तव्य के अग्निपथ पर कदम रखा, और जब वक्त ने सुकुन से जीने का अवसर दिया तो सुकुन ही छीन लिया! सर्वथा ,एकाकी जीवन !! निरंतर संघर्षरत जीवन ! सदैव दूसरों के लिए; जीवन स्वयं को ; कर्मभूमि का सूर्य बनाया मगर उनका जीवन ; मरूभूमि ही बनकर रह श्रयंगया मेरे धर्म पिता तो मरूभूमी का चांद बन गये बस मातारानी उन्हें शांति और शीतलता देना। ©Aditi Chouhan

#navratri  मरूभूमि का चांद बन गया 
धर्मपिता का जीवन
बचपन और जवानी में पैतृक स्थल छूटा,
जिम्मेदारी ने कर्तव्य के अग्निपथ पर कदम रखा,
और जब वक्त ने सुकुन से जीने का अवसर दिया 
तो सुकुन ही छीन लिया!
सर्वथा ,एकाकी जीवन !!
निरंतर संघर्षरत जीवन !
सदैव दूसरों के लिए; 
जीवन स्वयं को ;
कर्मभूमि का सूर्य बनाया 
मगर उनका जीवन ;
मरूभूमि ही बनकर रह श्रयंगया 
मेरे धर्म पिता तो मरूभूमी का
चांद बन गये
बस मातारानी उन्हें शांति और शीतलता देना।

©Aditi Chouhan

#navratri

14 Love

White जिस दिन इस देश में राष्ट्रवादी नमाज का अर्थ समझने लगेगे,उस दिन से गांधी और राष्ट्रपिता के महत्व को भी जानने लगेगें, नमाज हिन्दी शब्द है जिसका अर्थ होता है ईश्वर को नमन करना ईश्वर के आगे झुकना और गांधी जी ने ईश्वर और अल्लाह को एक स्वरूप का माना था हम पूजा करें या,सजदा सर तो ईश्वर के आगे ही झुकता है इसका पाठ पढ़ाने वाले गांधी की विचारधारा को कोटि-कोटि नमन। ©Aditi Chouhan

#gandhi_jayanti #Motivational  White जिस दिन इस देश में राष्ट्रवादी नमाज का अर्थ
समझने लगेगे,उस दिन से गांधी 
और राष्ट्रपिता के महत्व को भी जानने लगेगें,
नमाज हिन्दी शब्द है 
जिसका अर्थ होता है 
ईश्वर को नमन करना 
ईश्वर के आगे झुकना
और गांधी जी ने 
ईश्वर और अल्लाह 
को एक स्वरूप का माना था 
हम पूजा करें या,सजदा 
सर तो ईश्वर के आगे ही झुकता है 
इसका पाठ पढ़ाने वाले गांधी की 
विचारधारा को कोटि-कोटि नमन।

©Aditi Chouhan

White माता पिता बेटे को पाल पोसकर बड़ा करते ,घर जमीन जायदाद सब कुछ बेटे को सौंप देते हैं बहु के आते ही अपने उस बेटे को भी बहु के हवाले कर देते हैं,फिर भी बहु इतनी नमकहराम होती है कि सुरसा वाला पेट नहीं भरता और सास ससुर को ओल्ड एज होम में रहने की सलाह भिजवाया करते हैं। हाय रे कलियुगी सपूत!! ©Aditi Chouhan

#Sad_Status  White माता पिता बेटे को पाल पोसकर 
 बड़ा करते ,घर जमीन जायदाद सब
कुछ बेटे को सौंप देते हैं
बहु के आते ही अपने उस बेटे को भी बहु
के हवाले कर देते हैं,फिर भी बहु 
इतनी नमकहराम होती है 
कि सुरसा वाला पेट नहीं भरता 
और सास ससुर को 
ओल्ड एज होम में रहने की सलाह 
भिजवाया करते हैं।
हाय रे कलियुगी सपूत!!

©Aditi Chouhan

#Sad_Status

13 Love

White हाल बेहाल करनेवाले अक्सर सबसे अधिक हालचाल पूछते हैं ये लोग वैसे तेल की बूंद की तरह हल्के और सतही लोग होते हैं जो समन्दर में मिलते नहीं तैरकर खानापूर्ति करके निकलने की कला में निपुण होते हैं। ये रिश्ते नहीं रिश्तेदारों की लाश पर भोज का मजा लेते हैं। ©Aditi Chouhan

#sad_quotes  White हाल बेहाल करनेवाले 
अक्सर सबसे अधिक हालचाल पूछते हैं
ये लोग वैसे तेल की बूंद की तरह हल्के 
और सतही लोग होते हैं जो समन्दर में मिलते 
नहीं तैरकर खानापूर्ति करके निकलने 
की कला में निपुण होते हैं।
ये रिश्ते नहीं रिश्तेदारों की लाश पर 
भोज का मजा लेते हैं।

©Aditi Chouhan

#sad_quotes

10 Love

White काम करती हुई स्त्री ऐसी ही ऊषा रि की लालिमा लिए बला की खूबसूरत लगती हैं बिखरे बाल श्रम से गुलाबी हुए गाल और पसीने की बूंदों से चमकते ललाट दिव्य और भव्यता मां, अन्नपूर्णा के दर्शन करा देती हैं और थुलथुली चर्बीदार पेट पाऊडर,ब्लश और लिपस्टिक से सजी संवरी काया बस असुरों को रिझाने की माया भर होती है। सुंदर स्त्री तो श्रम शीला होती है। ©Aditi Chouhan

#sad_quotes  White काम करती हुई स्त्री ऐसी ही ऊषा
रि की लालिमा लिए बला की खूबसूरत लगती हैं बिखरे बाल 
श्रम से गुलाबी हुए गाल 
और पसीने की बूंदों से चमकते ललाट
दिव्य और भव्यता मां, अन्नपूर्णा के दर्शन
करा देती हैं 
और थुलथुली चर्बीदार पेट 
पाऊडर,ब्लश और लिपस्टिक 
से सजी संवरी काया बस असुरों को
रिझाने की माया भर होती है।
सुंदर स्त्री तो श्रम शीला होती है।

©Aditi Chouhan

#sad_quotes

11 Love

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