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जब अपनो को ही हमसे शिकायत होने लगे तो इन गैरो को दोष देने से क्या फायदा जो कभी अपना ही नही हुआ वो भला किसी और का हो ही कैसे सकता है कभी । ©Sãm Shivam
Sãm Shivam
7 Love
दरमियाने अब वो वक्त भी कहा अपने थे इन ख्वाबों से भी बहोत बड़े मेरे सपने थे खता तो हम कर बैठे अब तुमसे पर हमे क्या पता था तुम गैर हो पर सबने कहा कि तुम अपने थे । ©Sãm Shivam
8 Love
सब कुछ उनमें उन तक ही था मेरा और वो हमे कभी समझ ही न पाए इसलिए लगता है अब ये किस्मत भी अब हमे आजमा रही है । ©Sãm Shivam
10 Love
बदलते वक्त के साथ सब कुछ देखा है मैंने किरदार नया हो या सालो पुराना आखिकार इक न इक दिन सबके असलियत सामने आ ही जाते है । ©Sãm Shivam
अक्सर हमे उन रिश्तों में अपनापन नही मिल पाता है जिन्हें हम दिल से प्यार करते है क्यूंकि जिसे हम अपनी जिंदगी के अहम हिस्से की तरह जानते है वो हमारी जगह में किसी और को ही बेहतरीन मानते है । ©Sãm Shivam
5 Love
सब कुछ अच्छा चल रहा था और फिर तुम मिले बात हुई तुम मेरी आदत बनी हमेशा की तरह और फिर से इस बार मैं अकेला हो गया । ©Sãm Shivam
9 Love
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