## तुम्हे देखने को आज चांद निकल आया है
इसलिए आज धूप से पर्दा करवाया है
ना देखे उसकी चांदनी को कोई आज
इसलिए जुगनू और तारों का पहरा लगवाया है
poet of sharanpur
poet/ kuldeep singh रुहेला
#sadak
j#खुल गया है द्वार देखो रचना दर्शन का
मिलेगा मौका आज फिर पढ़ने का
चलो मिलकर एक नई पहचान बनाते है
मिलकर सारे एक एक रचना को गड़ जाते हैं!
कुलदीप सिंह रुहेला
सहारनपुर उत्तर प्रदेश
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