rohit verma

rohit verma Lives in Sadalpur, Madhya Pradesh, India

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जग मग जग मग दीप जले , सरयू तट आकाश अवध की झिल मिल रोशनी, फैला जगत प्रकाश ! फैला जगत प्रकाश,भव्य दिव्य दिवाली वर्ष पांच सौ की वो राते,नही रही अब काली ! कह सरपट कविराय, जन की विजयी भावना दोहरी दिवाली की खुशी,स्वीकारें शुभकामना ! ✍️सरपट सादलपुरी ©rohit verma

#कविता #diwali2020  जग मग जग मग दीप जले , सरयू तट आकाश  
अवध की झिल मिल रोशनी, फैला जगत  प्रकाश !
फैला जगत प्रकाश,भव्य दिव्य  दिवाली 
  वर्ष पांच सौ की वो राते,नही रही अब काली ! 
कह सरपट कविराय, जन की विजयी भावना 
दोहरी दिवाली की खुशी,स्वीकारें शुभकामना !
             ✍️सरपट सादलपुरी

©rohit verma

#diwali2020

13 Love

हर दौर में नई खोज होती है, अब किताबें खरीदी नहीं जाती, मोबाइल पर डाउनलोड होती है। ✍️रोहित वर्मा ©rohit verma

#कविता  हर दौर में नई खोज होती है,
अब किताबें खरीदी नहीं जाती,
मोबाइल पर डाउनलोड होती है।
                    ✍️रोहित वर्मा

©rohit verma

हर दौर में नई खोज होती है, अब किताबें खरीदी नहीं जाती, मोबाइल पर डाउनलोड होती है। ✍️रोहित वर्मा ©rohit verma

11 Love

तुम सूर्य उदय होते ही याद आती हो, तुम दोपहर के चार बजे याद आती हो, कभी कभी तो रात में भी याद आती हो, असल में तुम ही मेरा पहला प्यार हो, तुम चाहे कितनी भी कड़क क्यूं ना हो,मैं तुम्हारे लिए नरम बना रहता हूं, मैं तुम्हे लबों से छू कर हलक से होकर मन में उतारता हूं, जबसे मैने समझना सिखा है,तबसे ही तुम मुझे भाय हो, तुम और कोई नहीं मेरी प्यारी चाय हो। ✍️ रोहित वर्मा ©rohit verma

#कविता #teatime  तुम सूर्य उदय होते ही याद आती हो,
तुम दोपहर के चार बजे याद आती हो,
कभी कभी तो रात में भी याद आती हो,
असल में तुम ही मेरा पहला प्यार हो,
तुम चाहे कितनी भी कड़क क्यूं ना हो,मैं तुम्हारे लिए नरम बना रहता हूं,
मैं तुम्हे लबों से छू कर हलक से होकर मन में उतारता हूं,
जबसे मैने समझना सिखा है,तबसे ही तुम मुझे भाय हो,
तुम और कोई नहीं मेरी प्यारी चाय हो।
✍️ रोहित वर्मा

©rohit verma

#teatime

17 Love

#कविता  जिंदगी, तस्वीर सी हो..
बेदाग,नीर सी हो..
मन करे वैसा रूप दे सके हम,
ना दूध ना चावल,बस खीर सी हो।
     ✍️रोहित वर्मा

©rohit verma

जिंदगी, तस्वीर सी हो.. बेदाग,नीर सी हो.. मन करे वैसा रूप दे सके हम, ना दूध ना चावल,बस खीर सी हो। ✍️रोहित वर्मा ©rohit verma

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#कविता #Free  White मैं जवानी के इस दौर से हूं,
 हां मैं इंदौर से हूं...
खुश तो बहुत किया तूने मुझे पर, 
मैं खुश किसी और से हूं।
✍️ रोहित वर्मा

©rohit verma

#Free

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#कविता #ramnavmi  White भये प्रकट कृपाला,
 रवि तिलक कपाला, 
  मानवता हितकारी । 
रामनवमी उत्सव बेला,
 नाचे जग नर नारी !  

प्रभु श्रीराम के प्राकट्य दिवस की जयश्रीराम
✍️सरपट सादलपुरी

©rohit verma

#ramnavmi

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