Aakansha shukla

Aakansha shukla Lives in Varanasi, Uttar Pradesh, India

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White शिक्षक, गुरु चाहे, कहो अध्यापक, सबका एक ही मान है। ज्ञान का दीपक, जलाना इनका काम हैं। इसलिए कहते है, गुरु है सबसे महान। शिक्षा के मंदिर में, भगवान तुल्य है गुरु। होता जिनके पास, हर सवाल का जवाब है। इसलिए कहते है, गुरु है सबसे महान। गुरु बिन अधूरा है ज्ञान, गुरु बिन अधूरा ये सारा संसार। बिन गुरु ना कोई ज्ञानी है, बिन गुरु ना कोई सर्वशक्तिमान। गुरु ने ही बनाया राम को, मर्यादापुरुषोत्तम राम। गुरु ने ही बनाया अर्जुन को, धनुर्धर महान। इसलिए कहते है, गुरु है सबसे महान। ©Aakansha shukla

#कविता #teachers_day  White शिक्षक, गुरु चाहे,
कहो अध्यापक, 
सबका एक ही मान है।
ज्ञान का दीपक, 
जलाना इनका काम हैं। 
इसलिए कहते है, 
गुरु है सबसे महान।

शिक्षा के मंदिर में, 
भगवान तुल्य है गुरु।
होता जिनके पास, 
हर सवाल का जवाब है।
इसलिए कहते है, 
गुरु है सबसे महान।

गुरु बिन अधूरा है ज्ञान, 
गुरु बिन अधूरा ये सारा संसार।
बिन गुरु ना कोई ज्ञानी है, 
बिन गुरु ना कोई सर्वशक्तिमान।

गुरु ने ही बनाया राम को,
मर्यादापुरुषोत्तम राम।
गुरु ने ही बनाया अर्जुन को, 
धनुर्धर महान। 
इसलिए कहते है, 
गुरु है सबसे महान।

©Aakansha shukla

#teachers_day कविताएं हिंदी कविता कविता कविता कोश

17 Love

पल भर के लिए कल्पना कीजिए, फोन, दूरदर्शन, अन्य सभी, बिजली चलित उपकरणों, को खुद से दूर कर दीजिए। कितना भयावह दृश्य वो होगा, कितना शांत वातावरण होगा। उस शांति में भी एक भय होगा, मन में बस एक सवाल होगा। कैसे अब दिन में गुजारा होगा, कैसे अब किसी से बात होगा। कैसे गर्मियों में पानी ठंडा होगा, कैसे ठंड में हीटर चालू होगा। इन सवालों के बाद हमारे, पास बस एक रास्ता होगा। संस्कृति से अपनी जुड़ने का, सिर्फ एक ही वास्ता होगा। फोन के बगैर किताबों, पर हम सब ध्यान देंगे। फ्रिज के बगैर गगरे, का ठंडा पानी पियेंगे। त्योहार मनाने के लिए, सभी से मिलने जायेंगे। खेल-कूद कर अपनी, स्फूर्ति और उम्र बढ़ाएंगे। एक बार फिर दादी-नानी, अपनी कहानियां सुनाएंगी। पुरानी परंपराओं से हम, अपने रिश्ते सुलझाएंगे। बिन यंत्रों के अपने जीवन, को हम खुशाहाल बनायेंगे। बिन यंत्रों के भी जीवन में, सुख-शांति हम पाएंगे। ©Aakansha shukla

#कविता  पल भर के लिए कल्पना कीजिए,
फोन, दूरदर्शन, अन्य सभी,
बिजली चलित उपकरणों,
को खुद से दूर कर दीजिए।

कितना भयावह दृश्य वो होगा,
कितना शांत वातावरण होगा।
उस शांति में भी एक भय होगा,
मन में बस एक सवाल होगा।

कैसे अब दिन में गुजारा होगा,
कैसे अब किसी से बात होगा।
कैसे गर्मियों में पानी ठंडा होगा,
कैसे ठंड में हीटर चालू होगा।

इन सवालों के बाद हमारे,
पास बस एक रास्ता होगा।
संस्कृति से अपनी जुड़ने का,
सिर्फ एक ही वास्ता होगा।

फोन के बगैर किताबों, 
पर हम सब ध्यान देंगे।
फ्रिज के बगैर गगरे,
का ठंडा पानी पियेंगे।

त्योहार मनाने के लिए,
सभी से मिलने जायेंगे।
खेल-कूद कर अपनी,
स्फूर्ति और उम्र बढ़ाएंगे।

एक बार फिर दादी-नानी,
अपनी कहानियां सुनाएंगी।
पुरानी परंपराओं से हम,
अपने रिश्ते सुलझाएंगे।

बिन यंत्रों के अपने जीवन,
को हम खुशाहाल बनायेंगे।
बिन यंत्रों के भी जीवन में,
सुख-शांति हम पाएंगे।

©Aakansha shukla

कविता कोश

12 Love

White शीर्षक:- शिक्षक शिक्षक हमे देते है शिक्षा, सिखाते वो हमे ज्ञान की बाते, एक बात को कई बार वो, कई तरीके से है हमे समझाते। शिक्षक, शिष्य और शिक्षा का, ये रिश्ता बड़ा ही अनूठा है, शिक्षक बिन शिक्षा नही, शिक्षा बिन शिष्य अधूरा है। पथ प्रदर्शक बन कर हमारे, सही राह चुनना हमे सिखाते, हमारे विचारों को देते शक्ति, हर सपने है वो सच करवाते। ज्ञान का वो दीप जला कर, अज्ञानता को वे मिटाते है, संस्कारों का है हमे पाठ पढ़ाते, मानवता का मोल वो सिखाते है। हमारी यात्रा को देते नई दिशा, वो हमारे जीवन को है बदलते, करते हम है उनका आभार, उनकी शिक्षा से ही हम आगे बढ़ते। ©Aakansha shukla

#कविता #teachers_day  White शीर्षक:- शिक्षक 

शिक्षक हमे देते है शिक्षा,
सिखाते वो हमे ज्ञान की बाते,
एक बात को कई बार वो,
कई तरीके से है हमे समझाते।

शिक्षक, शिष्य और शिक्षा का,
ये रिश्ता बड़ा ही अनूठा है,
शिक्षक बिन शिक्षा नही,
शिक्षा बिन शिष्य अधूरा है।

पथ प्रदर्शक बन कर हमारे,
सही राह चुनना हमे सिखाते,
हमारे विचारों को देते शक्ति,
हर सपने है वो सच करवाते।

ज्ञान का वो दीप जला कर,
अज्ञानता को वे मिटाते है,
संस्कारों का है हमे पाठ पढ़ाते,
मानवता का मोल वो सिखाते है।

हमारी यात्रा को देते नई दिशा,
वो हमारे जीवन को है बदलते,
करते हम है उनका आभार,
उनकी शिक्षा से ही हम आगे बढ़ते।

©Aakansha shukla

#teachers_day

13 Love

आख़िर क्यूँ?? क्या घबरा गये थे तुम, क्या डर गए थे तुम। क्या नहीं देखा? तुमने, रास्ते में मेहनत करती चीटीं को। क्या नहीं देखा? तुमने, दीवाल पर चढती बार-बार, फिसलती मकड़ी को। क्या नहीं देखा? तुमने, चलने की कोशिश करते उस बच्चे को, हर बार गिर कर भी जो फिर कोशिश, करता है वो चलने की। क्या नहीं देखा? तुमने, रास्ते में किसी पेड़ को, कितने छोटे बीज से, हो जाते है वो कितने बड़े। क्या नहीं सीखा ? तुमने, कुछ इस पृथ्वी से। क्या नहीं सीखा? तुमने, एसकुछ इस विशाल आसमान से। क्या नहीं मिली तुम्हें, कोई सीख पंछी के छोटे बच्चे से, क्या नहीं मिली तुम्हें, कोई सीख इन नदियों, पहाड, और विशाल चट्टानो से। आधे रास्ते से लौट आए तुम, आख़िर क्यूँ?? क्या घबरा गये थे तुम, क्या डर गए थे तुम। ©Aakansha shukla

#कविता #motavitonal  आख़िर क्यूँ?? 
क्या घबरा गये थे तुम,
क्या डर गए थे तुम।

क्या नहीं देखा? तुमने, 
रास्ते में मेहनत करती चीटीं को।

क्या नहीं देखा? तुमने, 
दीवाल पर चढती बार-बार, 
फिसलती मकड़ी को।

क्या नहीं देखा? तुमने, 
चलने की कोशिश करते उस बच्चे को, 
हर बार गिर कर भी जो फिर कोशिश, 
करता है वो चलने की।


क्या नहीं देखा? तुमने, 
रास्ते में किसी पेड़ को, 
कितने छोटे बीज से, 
हो जाते है वो कितने बड़े।

क्या नहीं सीखा ? तुमने,
 कुछ इस पृथ्वी से। 
क्या नहीं सीखा? तुमने, 
एसकुछ इस विशाल आसमान से।


क्या नहीं मिली तुम्हें, 
कोई सीख पंछी के छोटे बच्चे से, 
क्या नहीं मिली तुम्हें, 
कोई सीख इन नदियों, 
पहाड, और विशाल चट्टानो से।

आधे रास्ते से लौट आए तुम, 
आख़िर क्यूँ?? 
क्या घबरा गये थे तुम, 
क्या डर गए थे तुम।

©Aakansha shukla

#motavitonal कविता कविता कोश

12 Love

सोशल मीडिया कि ये दुनिया, कितनी विचित्र, कितनी अनोखी है। दुनिया की सारी खबरे हाथ में, बस एक क्लिक की दूरी पर है। अपनों से दूर रहकर भी, हम उनसे जुड़ सकते है, अपना दिल की बाते साझा, हम उनसे कर सकते है। वैसे तो हर कोई यहां, व्यूज, लाइक्स और कॉमेंट के लिए है। मगर सही इस्तेमाल कर के हम, अपना ज्ञानवर्धन कर सकते है। स्कैमर्स से सावधान रहकर, इस दुनिया का आनंद उठाओ। मगर अपनी निजी बातों को, न सोशल मीडिया पर बताओ। ©Aakansha shukla

#कविता #Thinking  सोशल मीडिया कि ये दुनिया,
कितनी विचित्र, कितनी अनोखी है।
दुनिया की सारी खबरे हाथ में,
बस एक क्लिक की दूरी पर है।

अपनों से दूर रहकर भी,
हम उनसे जुड़ सकते है,
अपना दिल की बाते साझा,
हम उनसे कर सकते है।

वैसे तो हर कोई यहां, व्यूज, 
लाइक्स और कॉमेंट के लिए है।
मगर सही इस्तेमाल कर के हम,
अपना ज्ञानवर्धन कर सकते है।

स्कैमर्स से सावधान रहकर,
इस दुनिया का आनंद उठाओ।
मगर अपनी निजी बातों को,
न सोशल मीडिया पर बताओ।

©Aakansha shukla

#Thinking कविताएं हिंदी कविता कविता कोश

14 Love

शीर्षक:- किताब का नशा नशा, तुम किताब का कर लो । कुछ पढ़ लो या कुछ लिख लो। साहित्य पढ़ो, इतिहास पढ़ो, थोड़ा तुम गणित पढ़ लो। भूगोल पढ़ो, अर्थशास्त्र पढ़ो, थोड़ा तुम विज्ञान पढ़ लो। जो पढ़ने में मन ना लगे, लिखना तुम प्रारंभ कर लो। साहित्य लिखो, नया इतिहास लिखो, कभी अपने दिल की बात लिखो। समाज की बढ़ती कुरितिया लिखो, सफलता पाने का तुम मार्ग लिखो। ©Aakansha shukla

#कविता #Books  शीर्षक:- किताब का नशा

नशा, तुम किताब का कर लो ।
कुछ पढ़ लो या कुछ लिख लो।

साहित्य पढ़ो, इतिहास पढ़ो,
थोड़ा तुम गणित पढ़ लो।

भूगोल पढ़ो, अर्थशास्त्र पढ़ो,
थोड़ा तुम विज्ञान पढ़ लो।

जो पढ़ने में मन ना लगे,
लिखना तुम प्रारंभ कर लो।

साहित्य लिखो, नया इतिहास लिखो,
कभी अपने दिल की बात लिखो।

समाज की बढ़ती कुरितिया लिखो,
सफलता पाने का तुम मार्ग लिखो।

©Aakansha shukla

#Books हिंदी कविता

17 Love

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