White शिक्षक, गुरु चाहे, कहो अध्यापक, सबका एक ही | हिंदी कविता

"White शिक्षक, गुरु चाहे, कहो अध्यापक, सबका एक ही मान है। ज्ञान का दीपक, जलाना इनका काम हैं। इसलिए कहते है, गुरु है सबसे महान। शिक्षा के मंदिर में, भगवान तुल्य है गुरु। होता जिनके पास, हर सवाल का जवाब है। इसलिए कहते है, गुरु है सबसे महान। गुरु बिन अधूरा है ज्ञान, गुरु बिन अधूरा ये सारा संसार। बिन गुरु ना कोई ज्ञानी है, बिन गुरु ना कोई सर्वशक्तिमान। गुरु ने ही बनाया राम को, मर्यादापुरुषोत्तम राम। गुरु ने ही बनाया अर्जुन को, धनुर्धर महान। इसलिए कहते है, गुरु है सबसे महान। ©Aakansha shukla"

 White शिक्षक, गुरु चाहे,
कहो अध्यापक, 
सबका एक ही मान है।
ज्ञान का दीपक, 
जलाना इनका काम हैं। 
इसलिए कहते है, 
गुरु है सबसे महान।

शिक्षा के मंदिर में, 
भगवान तुल्य है गुरु।
होता जिनके पास, 
हर सवाल का जवाब है।
इसलिए कहते है, 
गुरु है सबसे महान।

गुरु बिन अधूरा है ज्ञान, 
गुरु बिन अधूरा ये सारा संसार।
बिन गुरु ना कोई ज्ञानी है, 
बिन गुरु ना कोई सर्वशक्तिमान।

गुरु ने ही बनाया राम को,
मर्यादापुरुषोत्तम राम।
गुरु ने ही बनाया अर्जुन को, 
धनुर्धर महान। 
इसलिए कहते है, 
गुरु है सबसे महान।

©Aakansha shukla

White शिक्षक, गुरु चाहे, कहो अध्यापक, सबका एक ही मान है। ज्ञान का दीपक, जलाना इनका काम हैं। इसलिए कहते है, गुरु है सबसे महान। शिक्षा के मंदिर में, भगवान तुल्य है गुरु। होता जिनके पास, हर सवाल का जवाब है। इसलिए कहते है, गुरु है सबसे महान। गुरु बिन अधूरा है ज्ञान, गुरु बिन अधूरा ये सारा संसार। बिन गुरु ना कोई ज्ञानी है, बिन गुरु ना कोई सर्वशक्तिमान। गुरु ने ही बनाया राम को, मर्यादापुरुषोत्तम राम। गुरु ने ही बनाया अर्जुन को, धनुर्धर महान। इसलिए कहते है, गुरु है सबसे महान। ©Aakansha shukla

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