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ek tarfa
जिस राह निकला हूं मैं शोर तो नहीं सुकून फिर भी वहीं ख्वाहिश कुछ नहीं फिर भी चाहत वहीं निकला ना जानें कहीं फिर भी आवारापन वहीं ©Avinash Chauhan
Avinash Chauhan
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2 हो गये जिंदगी के पहलू यहां कुछ खामोशीं मे गुजर गये कुछ रास्तो मे उलझ़ गये ना जानें फिर भी इंतजार है वो दिन आएगा साथ जिदंगी का होगा रास्ता सामनें खड़ा मुस्कराएगा write by- ( Y.C ) ©Avinash Chauhan
9 Love
दो हिस्सो में बंट गये मेरे तमाम अरमान... कुछ तुझे पाने निकले, कुछ मुझे समझाने निकले। - via bkb.ai/shayari ©Avinash Chauhan
8 Love
कुछ लोग मेरे शहर में इस कदर बिखरे हुए है जैसे खुशबु इन हवाओं मे महसूस तो होते हैं दिखाई नहीं देते...। ©Avinash Chauhan
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