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अभी चंद रोज़ पहले मिली थी मौत, उसे अभी भी अपने घर में बैठाए रखा है। instagram shayar_kah_loo
ये जो इठला रहे है हमें नीचा दिखा कर, अब उन्हें कोई बतलाए की। वो जो बने हैं इनकी महफिलों में साहिब-ए-सद्र, वो हमारी महफिलों से ठुकराए हुए है।। ©Sachin Mishra
Sachin Mishra
10 Love
White उनको भी सलाम जिन्होंने हमे भरी महफ़िल में ठुकराया है, साथ देने वालों के लिए जान भी कुर्बान है। ©Sachin Mishra
12 Love
हम लिख नहीं पाते नाम तुम्हारा अपने नाम के साथ, चलो तुम्हारे नाम का एक गुलाब ही सिरहाने रख देते है। तुम्हारी मुस्कुराहट की नजर उतार लूं, और बना कर माला पहन लूं तुम्हारी सारी बलाएं अपने गले।। ©Sachin Mishra
15 Love
दर्द जो झेला न जा सका उसको भी झेला है, किसी के खातिर हमने भी खुद को मोड़ा है। ये ज़ख्म दर्द सब तोहफा है खुद का खुद के लिए, इसे खुशी से लेकर एक गहरी नींद सोना है।। ©Sachin Mishra
14 Love
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