करें सभी का आदर
ना करे किसी का निरादर
आदर करना हमारा धर्म
मानवता का यही मर्म
निरादर करना है पाप
जिससे मिलेगा सिर्फ संताप
करें सभी का आदर
यही है मानवता की चादर
आदर से ही बढ़ेगा प्यार
मिलेगा सभी का दुलार
बच्चे बूढ़े या हो जवान
परस्पर आदर से बने महान
अगर हम हैं शिष्ट
तो हम हैं विशिष्ट
सुंदर चेहरा थोड़ी देर करता है मोहित
शिष्ट व्यक्ति से हर कोई रहता आकर्षित
सुंदरता तो है वो बुलबुला
जो हो जाएगा गुलगुला
शिष्ट की शिष्टता ही काम आएगी
नाम कमा कर जाएगी
यही है सच्चे संस्कार
जिसमें ना हो कोई विकार
तभी होगा हर सपना साकार
रखो शिष्ट और शिष्टता से सरोकार
फिर से कह लाएगा भारत सोने की चिड़िया
होगी शिष्ट और शिष्टता की लड़ियां
"घर"
जहां मिलता है सुकून
जहां होता है जुनून
जहां बीतता है बचपन
जहां महसूस होता अपनापन
वह कहलाता है घर
जहां नहीं लगता डर
जहां मिलती बड़ों की छाया
जहां स्वस्थ रहती हमारी काया
जहां छोटों को मिलता प्यार
जहां होता अपनों का दुलार
वह कहलाता है घर
घर लौट कर ही आता आराम
थकान का यही होता विश्राम
घर में ही होती सुबह और शाम
मेरे लिए तो घर ही है चारो धाम
Yakshita Jain
Research scholar,history
कागज़"
मेरा नाम है बहुत छोटा
परंतु नहीं हूं मैं खोटा
कापिया मुझ से है बनती
खबरें मुझ पर ही छपती
मुझ पर किया जाता प्यार का इजहार
मेरे चिट्ठी रूप का होता इंतजार
मुझ पर ही लिखे जाते कविता व गीत
शोक व शहनाई संदेश सुनाना मेरी रीत
मैं हूं कलम का साथी
रहते संग, जैसे सूँढ और हाथी
मैं भी तरु से ही आता हूं
इतिहास बनकर चला जाता हूं
यही है मेरा कर्म
#WorldDanceDay World dance day special ( 29 April)
नृत्य एक कला है
नृत्य एक पूजा है
इसके है विभिन्न स्वरुप
ये कला का है प्रतिरूप
हर देश में इसके है उपासक
इसका ताण्डव रूप है विनाशक
नृत्य हर उत्सव की शोभा
लोक, शास्त्रीय रूप देख हुआ अचम्भा
इनका साथ देते वाद्य यन्त्र
सबको मोहित कर देता नृत्य का मंत्र
ये तनाव को दूर भगाता है
काया में स्फूर्ति लाता है
हमें भी इसे सीखना चाहिए
इससे मिली खुशी में रमना चाहिए
आओ सुनाती हूं मेरी कहानी
जो है बड़ी सुहानी
मैं हूं एक घंटी
नहीं हूं किसी की बंदी
विभिन्न है मेरा रूप
नहीं रहती हूं चुप
मैं मंदिर में हूं
मैं दरवाजे पर हूं
मैं घर में हूं
मैं विद्यालय में भी हूं
कहीं स्वर है ऊंचा
तो कही है नीचा
कान के नीचे भी बजाई जाती हूं
चल चित्रों में भी दिखाई जाती हूं
यही थी मेरी कहानी
मैं हूं घंटी
सभी है मेरे मित्र
चाहे हो सोना, मोना या बंटी
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