❤ दर्द ए जिगर
यूँ तो गुज़र रहा है हर इक पल ख़ुशी के साथ
फिर भी कोई कमी सी है, क्यों ज़िन्दगी के साथ
रिश्ता, वफ़ाएँ, दोस्ती, सब कुछ तो पास है
क्या बात है पता नहीं, दिल क्यों उदास है
हर लम्हा है हसीं, नयी दिलकशी के साथ
चाहत भी है, सुकून भी है, दिलबरी भी है
आँखों में ख़्वाब भी है, लबों पर हँसी भी है
दिल को नहीं है कोई शिकायत किसी के साथ
सोचा था जैसा वैसा ही जीवन तो है मगर
अब और किस तलाश में बेचैन है नज़र
कुदरत तो मेहरबान है, दरियादिली के साथ
©Anirudh Tyagi
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