इन नजरों ने कई मकाम देखे,
कई गुनगुनी सुबह और मलमली शाम देखे,
रिश्तों की नुमाइश भी सरेआम देखे,
अपनो की आजमाइश भी आम देखे,
गुजरा साल बहुत कुछ सीखा गया,
हर पल की कीमत खूब बतला गया,
आने वाला पल भी खूब सिखाएगा,
जीतने के कई किस्से दिखलाएगा,
कई मकाम आयेंगे,
जो हमको आजमाएंगे,
हसने और रोने की ही तो बात है,
ऐ जिंदगी सुन ले हम अब भी साथ है।
©Thakur Tushar Singh
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