Kumar Divyanshu Shekhar

Kumar Divyanshu Shekhar Lives in Begusarai, Bihar, India

जी..!बिहार से हैं लिखने की कोशिश करते हैं फिलहाल पढ़ रहे हैं insta:@_shekhardivya409

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अब दरमियाँ कोई भी शिकायत नहीं बची यानी करीब आने की सूरत नहीं बची। अब और कोई सदमा नहीं झेल सकता मैं अब और मेरी आँखों में हैरत नहीं बची। ―अक्स समस्तीपुरी भैया ______________________________

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हो सकता है स्वप्न-जगत को ज़्यादा ज़रूरत होगी तुम्हारी कविताओं की। शायद वहाँ कोई बच्चा कर रहा होगा इंतज़ार तुम्हारी कविताओं का स्कूल से भागकर पटरी किनारे कमर पर हाथ धरे। (अनुशीर्षक पढ़ें) ©Kumar Divyanshu Shekhar

#nojotohindi #literature #writing #writer  हो सकता है
स्वप्न-जगत को ज़्यादा ज़रूरत होगी
तुम्हारी कविताओं की।
शायद वहाँ
कोई बच्चा कर रहा होगा इंतज़ार
तुम्हारी कविताओं का
स्कूल से भागकर
पटरी किनारे
कमर पर हाथ धरे।
                           (अनुशीर्षक पढ़ें)

©Kumar Divyanshu Shekhar

(१) कुछ कविताएँ नींद में बुनी जाती हैं। उनका अस्तित्व आँखों के सोए रहने में है। उनकी पूर्णता हमारी सतही दुनिया से निरपेक्ष सपनों की दुनिया में बने रहने में है तभी तो आँखों के खुलते ही भाप हो जाती हैं वो

8 Love

मैं लिखता हूँ क्योंकि मैं सोचता हूँ अच्छा है लिखा जाए। किसी की बातों की यादों के चरखे में सूत-सा कतने से अच्छा है लिखा जाए। किसी और के कंधे पर रोते वादों के आँसू पोछने की ख़्वाहिश रखने से अच्छा है लिखा जाए। संबंधों की दरक चुकी पुरानी बाल्टी में टेप साटने से अच्छा है लिखा जाए। (पूरी रचना अनुशीर्षक में..) ©Kumar Divyanshu Shekhar

#nojotohindi #MeriKavita #kavita #Hindi  मैं लिखता हूँ
क्योंकि
मैं सोचता हूँ अच्छा है लिखा जाए।

किसी की बातों की यादों के चरखे में
सूत-सा कतने से अच्छा है लिखा जाए।

किसी और के कंधे पर रोते वादों के
आँसू पोछने की ख़्वाहिश रखने से अच्छा है लिखा जाए।

संबंधों की दरक चुकी पुरानी बाल्टी में
टेप साटने से अच्छा है लिखा जाए।
                                                       (पूरी रचना अनुशीर्षक में..)

©Kumar Divyanshu Shekhar

(१) मैं लिख रहा हूँ क्योंकि मैं लिखता हूँ। मैं लिखता हूँ जब मैं बहुत ख़ुश होता हूँ गाँव के अंतिम छोर पर खड़े

10 Love

कोशिश बहुत की लिखूँ मुक्कमल इस साल बह्र मैं सीख ना पाया। __________________________ koshish bahut ki likhun mukkamal Is saal bahr main seekh na paya. ____________________________________ ©Kumar Divyanshu Shekhar

#अलविदा #HappyNewYear2020 #nojotohindi #welcome2020 #ColdMoon  कोशिश बहुत की लिखूँ मुक्कमल
इस साल बह्र मैं सीख ना पाया।
__________________________
koshish bahut ki likhun mukkamal
Is saal bahr main seekh na paya.
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©Kumar Divyanshu Shekhar

चलते रहना नियम है प्रकृति का और व्यर्थ है रुककर इंतज़ार करना भी क्योंकि अलग रास्तों पर चलने वाले कभी हमसफ़र नहीं हो सकते। (read caption..) ©Kumar Divyanshu Shekhar

#साँसें  #हमसफ़र #nojotohindi #Hopeless  चलते रहना नियम है प्रकृति का
और व्यर्थ है रुककर इंतज़ार करना भी
क्योंकि
अलग रास्तों पर चलने वाले 
कभी हमसफ़र नहीं हो सकते।
                              (read caption..)

©Kumar Divyanshu Shekhar

यूँ ही अचानक साल भर बाद मेरे पते पर तुम्हारा खत पहुँचना जैसे सोती रात में नीरव खड़े तालाब में हवा को चीरता गिर आया हो कोई उल्का पिंड।

8 Love

मैंने पढ़ा फिर सोचा उसे लिखा और आखिर में बोला। लेकिन जैसा पढ़ा वैसा सोच नहीं पाया जैसा सोचा वैसा लिख नहीं पाया और जैसा लिखा वैसा बोल नहीं पाया। मुझे ज्ञात हुआ 'अभिव्यक्ति' संसार की सबसे कठिन प्रक्रिया है। ©Kumar Divyanshu Shekhar

#अभिव्यक्ति #Life_experience #walkingalone #nojotohindi  मैंने पढ़ा
फिर सोचा
उसे लिखा
और आखिर में बोला।

लेकिन जैसा पढ़ा
वैसा सोच नहीं पाया
जैसा सोचा
वैसा लिख नहीं पाया
और जैसा लिखा
वैसा बोल नहीं पाया।

मुझे ज्ञात हुआ
'अभिव्यक्ति' संसार की सबसे कठिन प्रक्रिया है।

©Kumar Divyanshu Shekhar
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