बेटी होना क्या पाप है क्यों लोग हवसी बन बैठे हैं | हिंदी कविता

"बेटी होना क्या पाप है क्यों लोग हवसी बन बैठे हैं क्या गुनाह था जो उसका जान लिया दुष्कर्म कर दानव उसको मार दिया शासन प्रशासन सब सो रहा पीड़िता के माँ बाप का न दर्द सुन रहा क्यों बार बार ये घटना हो रहा मानवता को शर्मसार कर रहा बेटी अगर न हो तो बेटा कहाँ से आयेगा फिर भी क्यों ना समझा करते हो बेटा बेटी एक समान, सब मिल करें सम्मान गंदी मानसिकता त्याज दें,अच्छाई का करे सम्मान आवाज कोई न सुन रहा दुष्कर्मी को न दण्ड मिल रहा राम राज कहाँ से आयेगा देश तो कलंकित हो गया बेटी होना क्या पाप है क्यों लोग हवसी बन बैठे हैं ©संगीत कुमार"

 बेटी होना क्या पाप है 
क्यों लोग हवसी बन बैठे हैं 
क्या गुनाह  था जो उसका जान लिया 
दुष्कर्म कर दानव उसको मार दिया 
शासन प्रशासन सब सो रहा 
पीड़िता के माँ बाप का न दर्द सुन रहा
क्यों बार बार ये घटना हो रहा
मानवता को शर्मसार कर रहा 
बेटी अगर न हो तो बेटा कहाँ से आयेगा 
फिर भी क्यों ना समझा करते हो
बेटा बेटी एक समान, सब मिल करें सम्मान 
गंदी मानसिकता त्याज दें,अच्छाई का करे सम्मान
आवाज कोई न सुन रहा 
दुष्कर्मी को न दण्ड मिल रहा 
राम राज कहाँ से आयेगा 
देश तो कलंकित हो गया 
बेटी होना क्या पाप है 
क्यों लोग हवसी बन बैठे हैं

©संगीत कुमार

बेटी होना क्या पाप है क्यों लोग हवसी बन बैठे हैं क्या गुनाह था जो उसका जान लिया दुष्कर्म कर दानव उसको मार दिया शासन प्रशासन सब सो रहा पीड़िता के माँ बाप का न दर्द सुन रहा क्यों बार बार ये घटना हो रहा मानवता को शर्मसार कर रहा बेटी अगर न हो तो बेटा कहाँ से आयेगा फिर भी क्यों ना समझा करते हो बेटा बेटी एक समान, सब मिल करें सम्मान गंदी मानसिकता त्याज दें,अच्छाई का करे सम्मान आवाज कोई न सुन रहा दुष्कर्मी को न दण्ड मिल रहा राम राज कहाँ से आयेगा देश तो कलंकित हो गया बेटी होना क्या पाप है क्यों लोग हवसी बन बैठे हैं ©संगीत कुमार

People who shared love close

More like this

Trending Topic