मैं ग़लत हो सकता हूं तुम्हारे शब्दों में,बातों में | हिंदी शायरी

"मैं ग़लत हो सकता हूं तुम्हारे शब्दों में,बातों में जिस दिन हृदय में हो जाऊं तो मुझे भूल जाना। मैं स्वाभीमानी हो सकता हू अपनी हरकत से आदतों से जिस दिन घमंडी हो जाऊं तो मुझे भूल जाना। मैं प्रेम का आदि हो सकता हूं तुम्हारे प्रेम में मोह में जिस दिन तुम्हे भुला दूं तो मुझे भूल जाना। ©Sagar Sheikhpura"

 मैं ग़लत हो सकता हूं तुम्हारे शब्दों में,बातों में 
जिस दिन हृदय में हो जाऊं तो मुझे भूल जाना। 

मैं स्वाभीमानी हो सकता हू अपनी हरकत से आदतों से 
जिस दिन घमंडी हो जाऊं तो मुझे भूल जाना। 

मैं प्रेम का आदि हो सकता हूं तुम्हारे प्रेम में मोह में
जिस दिन तुम्हे भुला दूं तो मुझे भूल जाना।

©Sagar Sheikhpura

मैं ग़लत हो सकता हूं तुम्हारे शब्दों में,बातों में जिस दिन हृदय में हो जाऊं तो मुझे भूल जाना। मैं स्वाभीमानी हो सकता हू अपनी हरकत से आदतों से जिस दिन घमंडी हो जाऊं तो मुझे भूल जाना। मैं प्रेम का आदि हो सकता हूं तुम्हारे प्रेम में मोह में जिस दिन तुम्हे भुला दूं तो मुझे भूल जाना। ©Sagar Sheikhpura

#भूल #जाना

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