White नदियों में गंदे नाले छोड़कर कर रहे प्रदुषित !
सफाई के नाम, जनकोष उड़ाने में सारा ध्यान है लक्षित !!
सड़क सतह लगातार बढ़ा, घरों दुकानों में मैला पानी घुसा रहे !
सड़कों की गुणवत्ता कमजोर रख, खड्ड़े बढ़ाते जा रहे !!
घूसखोरी और राजनीति से अवैध निर्माण बढ़ा रहे !
जब फिर लगी भूख, तो कानून आड़ ले फिर से धन उगाह रहे !!
नेताओं में अक्ल और जनहित नीयत की है कमी !
जो भी अक्ल है उसमें उगाही की सोच ही सर्वोपरी !!
अधिकारियों में अक्ल की नहीं है कमी !
बदली हो जाने के डर से उन्हें करनी पड़ती इनकी गुलामी !!
परिणामत: जनकोष जनहित बजाय स्वहित में हो रहा स्वाहा !
नेताओं की बिनबात पत्तलकारों द्वारा जारी रहती वाह वाह !!
- आवेश हिंदुस्तानी 27.09.2024
©Ashok Mangal
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#AaveshVaani
#JanMannKiBaat