White साँझ उतरी है ज़मीं पर, सुबह की लाली लिए, खुशब | हिंदी कविता Video

"White साँझ उतरी है ज़मीं पर, सुबह की लाली लिए, खुशबुएँ फैलीं पहर में, पूजा की थाली लिए। कुछ रीती सी है ज़िन्दगी, कुछ गुनगुनाते स्वप्न हैं, चाँदनी बिखरी ज़मीं पर, रात मतवाली लिए। मशरूफ़ हैं वो फिर कहीं, झूठा बहाना ओढ़कर, जज़्बात फिर ढलने लगे हैं, ऑंखों में पानी लिए। दहलीज पर फुर्सत से हम, थककर खड़े थे रात भर, तुम सुबह बिखरे आ गए, फिर हाथ को खाली लिए। गुजरेगा फिर ये वक्त भी, आएँगी शामें गुनगुनी, गालों को मेरे चूमेगा, फिर हाथों में बाली लिए। ओढूँगी तेरी प्रीत को, आगोश में छुप जाऊँगी, फिर दिन सुहाने आएँगे, साथ खुशहाली लिए। और बनके मेरा तू मुकद्दर, साथ मेरे चल पड़ा, नज़रें झुकी हैं फिर हया से, गालों पर लाली लिए।। 🍁🍁🍁 ©Neel "

White साँझ उतरी है ज़मीं पर, सुबह की लाली लिए, खुशबुएँ फैलीं पहर में, पूजा की थाली लिए। कुछ रीती सी है ज़िन्दगी, कुछ गुनगुनाते स्वप्न हैं, चाँदनी बिखरी ज़मीं पर, रात मतवाली लिए। मशरूफ़ हैं वो फिर कहीं, झूठा बहाना ओढ़कर, जज़्बात फिर ढलने लगे हैं, ऑंखों में पानी लिए। दहलीज पर फुर्सत से हम, थककर खड़े थे रात भर, तुम सुबह बिखरे आ गए, फिर हाथ को खाली लिए। गुजरेगा फिर ये वक्त भी, आएँगी शामें गुनगुनी, गालों को मेरे चूमेगा, फिर हाथों में बाली लिए। ओढूँगी तेरी प्रीत को, आगोश में छुप जाऊँगी, फिर दिन सुहाने आएँगे, साथ खुशहाली लिए। और बनके मेरा तू मुकद्दर, साथ मेरे चल पड़ा, नज़रें झुकी हैं फिर हया से, गालों पर लाली लिए।। 🍁🍁🍁 ©Neel

सांझ 🍁

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