वो जो मेरे अपने जैसे मेरी नजरों को दिखते थे वो इ | हिंदी Poetry

"वो जो मेरे अपने जैसे मेरी नजरों को दिखते थे वो इंसा की नहीं गुलामों की ख्वाहिश रखते थे जिन्हें अनमोल हीरे की तरह रखा संभाले मैने पता चला बाजार में दो दो आने में वो बिकते थे Dr Pramod Dhiman Om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma"

 वो जो मेरे अपने जैसे  मेरी नजरों को दिखते थे 
वो इंसा की नहीं  गुलामों की ख्वाहिश रखते थे
जिन्हें अनमोल  हीरे की तरह रखा  संभाले मैने
पता चला बाजार में दो दो आने में वो बिकते थे
Dr Pramod Dhiman   











Om 11 production

©rashi khushi om Vishwkarma

वो जो मेरे अपने जैसे मेरी नजरों को दिखते थे वो इंसा की नहीं गुलामों की ख्वाहिश रखते थे जिन्हें अनमोल हीरे की तरह रखा संभाले मैने पता चला बाजार में दो दो आने में वो बिकते थे Dr Pramod Dhiman Om 11 production ©rashi khushi om Vishwkarma

#Drpramoddhiman

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