White साल गया बीत, छूट गए सब रिश्ते, दुख और पीड़ा | हिंदी कविता

"White साल गया बीत, छूट गए सब रिश्ते, दुख और पीड़ा ने भर दिए जीवन के हिस्से। पर आज का दिन है, नई रौशनी की बात, शिव की कृपा से मिटेंगे हर दुख, हर आघात। प्रकृति की गोद में खोजूं फिर नए आयाम, जहाँ हर दर्द मिटे और मिले शिव का धाम। हे नीलकंठ, त्रिपुरारी, सुन लो पुकार, मन के तमस को हर, दो कृपा का आधार। सृजन का दीप जलाओ, हर दिशा में प्रकाश हो, शिव के आशीर्वाद से, हर अंत में नवाकाश हो। दुख के सागर में अब न हो डूबने का डर, आपकी कृपा से जीवन बने अमृत का घर। ©rahul_the_adrito_"

 White साल गया बीत, छूट गए सब रिश्ते,
दुख और पीड़ा ने भर दिए जीवन के हिस्से।  
पर आज का दिन है, नई रौशनी की बात,  
शिव की कृपा से मिटेंगे हर दुख, हर आघात।  

प्रकृति की गोद में खोजूं फिर नए आयाम,  
जहाँ हर दर्द मिटे और मिले शिव का धाम।  
हे नीलकंठ, त्रिपुरारी, सुन लो पुकार,
मन के तमस को हर, दो कृपा का आधार।

सृजन का दीप जलाओ, हर दिशा में प्रकाश हो,
शिव के आशीर्वाद से, हर अंत में नवाकाश हो।  
दुख के सागर में अब न हो डूबने का डर,  
आपकी कृपा से जीवन बने अमृत का घर।

©rahul_the_adrito_

White साल गया बीत, छूट गए सब रिश्ते, दुख और पीड़ा ने भर दिए जीवन के हिस्से। पर आज का दिन है, नई रौशनी की बात, शिव की कृपा से मिटेंगे हर दुख, हर आघात। प्रकृति की गोद में खोजूं फिर नए आयाम, जहाँ हर दर्द मिटे और मिले शिव का धाम। हे नीलकंठ, त्रिपुरारी, सुन लो पुकार, मन के तमस को हर, दो कृपा का आधार। सृजन का दीप जलाओ, हर दिशा में प्रकाश हो, शिव के आशीर्वाद से, हर अंत में नवाकाश हो। दुख के सागर में अब न हो डूबने का डर, आपकी कृपा से जीवन बने अमृत का घर। ©rahul_the_adrito_

#blessings

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