White कोई भी कितना ही भूखा फ़क़ीर क्यों न हो वो अप | हिंदी कविता

"White कोई भी कितना ही भूखा फ़क़ीर क्यों न हो वो अपनी भूख से ज्यादा रोटी नहीं खा सकता ऐसा भूखा सभ्य और शालीन चरित्र वाला कहा जाता है. जो रोटी खिलाने वाले को और अपने ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करना न भूलता हो ©Parasram Arora"

 White कोई भी कितना ही भूखा  फ़क़ीर क्यों न हो 
वो अपनी भूख से ज्यादा रोटी नहीं खा सकता

ऐसा भूखा सभ्य और शालीन चरित्र वाला कहा जाता है. जो रोटी खिलाने वाले को और अपने ईश्वर के प्रति आभार  व्यक्त करना न भूलता हो

©Parasram Arora

White कोई भी कितना ही भूखा फ़क़ीर क्यों न हो वो अपनी भूख से ज्यादा रोटी नहीं खा सकता ऐसा भूखा सभ्य और शालीन चरित्र वाला कहा जाता है. जो रोटी खिलाने वाले को और अपने ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करना न भूलता हो ©Parasram Arora

आभार

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