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White बिकती है ना ख़ुशी कहीं ना कहीं गम बिकता है.. | हिंदी Shayari

"White बिकती है ना ख़ुशी कहीं ना कहीं गम बिकता है... लोग गलतफहमी में है कि शायद कहीं मरहम बिकता है..!! ©Sarfraj Alam Shayri"

 White बिकती है ना ख़ुशी कहीं ना कहीं गम बिकता है...

लोग गलतफहमी में है कि शायद कहीं मरहम बिकता है..!!

©Sarfraj Alam Shayri

White बिकती है ना ख़ुशी कहीं ना कहीं गम बिकता है... लोग गलतफहमी में है कि शायद कहीं मरहम बिकता है..!! ©Sarfraj Alam Shayri

#Sad_Status बिकती है ना ख़ुशी कहीं ना कहीं गम बिकता है...

लोग गलतफहमी में है कि शायद कहीं मरहम बिकता है..!!

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