Jai Shri Ram राम नाम मन जाप,यही प्राण संजीवनी।
मेटे सब संताप,तारे सुन जग से यही।।
राम नाम अवलंब,इसको मन कसकर धरो।
होवे नहीं विलंब,ध्यान सदा ही तुम रखो।।
केवल राम न नाम,जगत का आधार यही ।
जपो इसे अविराम,संबल सुन देगा यही।।
राम सुखों के धाम,हर्षित मन जपते रहे।
छोड़ जगत के काम,काम यह सबसे बड़ा।।
©Bharat Bhushan pathak
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