a-person-standing-on-a-beach-at-sunset वो पुराने खत
कभी तुझ तक पहुंचे ही नहीं
आज उन्हीं नज़्मों पर
खूब वाहवाही मिलती है
तुझे आह नहीं महसूस हुई तो क्या
इस वाहवाही में
किसी ना किसी की
आह दब जाती है वो बटोर लेता है
अपने दर्द इन शब्दों के गागर में
अगर किसी का भी दिल हल्का हो जाय
दर्द घट जाये तो रचना पूर्ण है
इस गागर में सागर
प्रेमिका व प्रेमी के प्रेम की अभिव्यक्ति है
जो नज़्में लिखी जाती है
अपने प्रेमी या प्रेमिका का के लिए
जो सिर्फ एकतरफा हो दो तरफा भी हो
समझे नहीं जाते या समझे भी जाते हो
दफन तो नहीं है जाते
वो हो जाते हैं अमर कवि
और कवि की रचना की तरह
तुमने जिन्हें जाना नहीं या
थे अनभिज्ञ या जानबूझ कर अनजान थे
वो मेरे पुराने प्रेम पत्र
जो पहुंचे नहीं तेरे दिल तक
वन कर नज़्म अमर हो रहे हैं
हर किसी के दिल में जगह बना के
किसी फिल्मी गाने की तरह
गायें जाते हैं गायें जायेंगे
क्योंकि वो प्रेम पत्र है
सब अब बस वो प्रेम पत्र है
गुमनाम प्रेमिका के प्रेमी के लिए
गुमनाम प्रेमी के प्रेमिका के लिए
अब बस वाकई वो प्रेम पत्र ही है
फिल्मी गानों की तरह जिन्हें
कोई भी गा सकता है
अपने प्रेमी प्रेमिका के लिए
©Parul Sharma
वो पुराने खत जो
कभी तुझ तक पहुंचे ही नहीं
आज उन्हीं नज़्मों पर
खूब वाहवाही मिलती है
तुझे आह नहीं महसूस हुई तो क्या
इस वाहवाही में
किसी ना किसी की
आह दब जाती है वो बटोर लेता है