a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जितनी जरूरत अपनी
वो उतना ही ज़रूरी था
वरना इस दुनिया में कुछ भी जरूरी नहीं था
इस प्रवृत्ति को स्वार्थ माना ही नहीं किसी ने
किसी ने मजबूरी किसी ने स्वतंत्रता
किसी ने मूलभूत आवश्यकता कह कर
अपना अपना अधिकार समझा
©Parul Sharma