White मैंने इश्क़ किसी से भी छुपाया तो नहीं है,
पर आज तलक उसको बताया भी नहीं है।
आ जाये मेरे साथ वो इतनी है आरज़ू,
पर मैंने कभी उसको बुलाया भी नहीं है।
बस जल रहा हूँ उससे जुदाई की धूप में,
मेरे सर पे उसके इश्क़ का साया भी नहीं है।
एक दिन तो जान जाएगी मेरी भी इश्क़ में,
खोया नहीं है उनको तो पाया भी नहीं है।
इस दिल की बात दिल में दबा कर के रक्खी है,
ये हाले दिल उन्हें तो सुनाया भी नहीं है।
जो दे दिया है दिल उन्हें तो क्या गुनाह किया,
माँगा है उनका प्यार चुराया तो नहीं है।
©Tarik Khan
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