अब बिछड़ जाओ या बिखर जाओ,
गर चले गए....तो ना आओ,
हर बार वही ज़िद में इंतज़ार ना होगा,
प्यार मरता है घुट के जीने से,
फिर प्यार ना होगा,
कभी जो लौटने का मन हो,
तो ख़ुद को रोक लेना तुम,
बेकद्री में रिश्ते, हो जाते है गुम,
फिर वही मंजिल वहीं राहें नहीं मिलती,
फिर वही महबूब, वही बाहें नहीं मिलती,
मोहब्बत में मोहब्बत की इज़्ज़त जो न रखी तुमने,
तो फिर वही मोहब्बत, वही इज़्ज़त नहीं मिलती,
आंसू भी सूखते है, जीना भी हम सीख जाते है,
इन किस्सों का क्या है, किस्से भूल जाते है।
©Vishakha Tripathi
#CrescentMoon