"आज खामोशियाँ ,टूटते-टूटते टूट सी गयी।
आज भावनायें,बहते-बहते बह सी गयी।
बावजुद इसके वो यूँ ही देखती रही मुझे।
आज साँसे,आखिर थमते-थमते थम सी गयी।
Shiv k Shriwas"
आज खामोशियाँ ,टूटते-टूटते टूट सी गयी।
आज भावनायें,बहते-बहते बह सी गयी।
बावजुद इसके वो यूँ ही देखती रही मुझे।
आज साँसे,आखिर थमते-थमते थम सी गयी।
Shiv k Shriwas