✍️आज की डायरी✍️ ✍️पलकें भिगोना | हिंदी विचार

"✍️आज की डायरी✍️ ✍️पलकें भिगोना ठीक नहीं..✍️ कुछ कहो तुम भी यूँ गुमसुम सा रहना ठीक नहीं । हर बातों को खामोश निगाहों से कहना ठीक नहीं ।। मजबूरियों के साथ रिश्तों में ना दूरियाँ आ जाये । छोटी-छोटी बातों पर यूँ एतबार खोना ठीक नहीं ।। एक परिणाम ही जिंदगी की तस्वीर बदल देता है । इतनी जल्दी खुद पर से विश्वास खोना ठीक नहीं ।। जिंदादिली तब है जब हरपल मुस्कुराते रहो तुम । हालात कैसे भी रहें यूँ पलकें भिगोना ठीक नहीं ।। जीवन जीने की कला इस जहाँ से सीखो "नीरज"। अकेलेपन में इस ज़िन्दगी को जीना ठीक नहीं ।। ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र"

 ✍️आज की डायरी✍️
                    ✍️पलकें भिगोना ठीक नहीं..✍️

कुछ कहो तुम भी यूँ गुमसुम सा रहना ठीक नहीं ।
हर बातों को खामोश निगाहों से कहना ठीक नहीं ।।

मजबूरियों के साथ रिश्तों में ना दूरियाँ आ जाये ।
छोटी-छोटी बातों पर यूँ एतबार खोना ठीक नहीं ।।

एक परिणाम ही जिंदगी की तस्वीर बदल देता है ।
इतनी जल्दी खुद पर से विश्वास खोना ठीक नहीं ।।

जिंदादिली तब है जब हरपल मुस्कुराते रहो तुम ।
हालात कैसे भी रहें यूँ पलकें भिगोना ठीक नहीं ।।

जीवन जीने की कला इस जहाँ से सीखो "नीरज"।
अकेलेपन में इस ज़िन्दगी को जीना ठीक नहीं ।।

                         ✍️नीरज✍️

©डॉ राघवेन्द्र

✍️आज की डायरी✍️ ✍️पलकें भिगोना ठीक नहीं..✍️ कुछ कहो तुम भी यूँ गुमसुम सा रहना ठीक नहीं । हर बातों को खामोश निगाहों से कहना ठीक नहीं ।। मजबूरियों के साथ रिश्तों में ना दूरियाँ आ जाये । छोटी-छोटी बातों पर यूँ एतबार खोना ठीक नहीं ।। एक परिणाम ही जिंदगी की तस्वीर बदल देता है । इतनी जल्दी खुद पर से विश्वास खोना ठीक नहीं ।। जिंदादिली तब है जब हरपल मुस्कुराते रहो तुम । हालात कैसे भी रहें यूँ पलकें भिगोना ठीक नहीं ।। जीवन जीने की कला इस जहाँ से सीखो "नीरज"। अकेलेपन में इस ज़िन्दगी को जीना ठीक नहीं ।। ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र

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