White आओ तुम साथ मेरे,अब फ़िर से सफ़र करते है
मंज़िल मुन्तज़िर है हमारी, आओ उधर चलते है..!
सुबह की धुप भी चढ़ आयी अब सिर के ऊपर
मंज़िल पर नज़र है मेरी, हम उस तरफ़ चलते है..!
ख़्वाब अब आँखो में है,हकीकत में तब्दील करें
मेरा तुम साथ दो अब, हम साथ साथ चलते है..!
सभी के तंज़ है, देखो यें कुछ भी नहीं करते है
ज़माने का रंग बदले, कुछ नया मिलके करते है..!
नज़ीर दी जायेगी हमारी,आने वाले वक़्त में भी
ज़िन्दा दिखे लोंगो को, कुछ क़ाम ऐसा करते है..!
सहूलियत से देखो तों कुछ भी यहाँ आँसा नहीं
मंज़िल मंसूब होगी अब मिलकर मेहनत करते है..!
किसी के दर्द को अब, अपना दर्द बनाया जाये
फ़र्ज़ पर अपने खड़े रहें,मंज़िल की तरफ़ चलते है..!!
©Shreyansh Gaurav
To the infinte times i can listen u plugging my earphones within🌻 Very very few people's poetry gives me such relaxation,u r one of them🧡 Power to you:)