ओ लाल मेरे ,कहाँ गुम हो बोलो
जरा मुख तो खोलो,जरा कुछ तो बोलो।
ये दुनिया की दौलत नही साथ होगी
ये शान और शौकत नही साथ होगी
सपनों से जागो,हकीकत को समझों
जरा खुद में झाकों,जरा खुद को तोलों
ओ लाल मेरे,कहाँ गुम हो बोलो
जरा मुख तो खोलो,जरा कुछ तो बोलो।
कभी धूप होगा कभी छांव होगा
ममता का ऑंचल नही साथ होगा
धरती पे रहकर उड़ो आसमां में
जरा नैन खोलों,जरा पंख खोलों
ओ लाल मेरे,कहाँ गुम हो बोलो
जरा मुख तो खोलो,जरा कुछ तो बोलो।
©Sadhana singh
#silhouette
@J P Lodhi. @Anshu writer RAVINANDAN Tiwari @Yogendra Nath Yogi @Devesh Dixit