White अक्सर हम देखते है । की लोग अपनों से और अपने ही समाज से लड़ते है । जिसका फायदा दूसरे समाज बाहरी व्यक्ति उठता है और समाज तथा अपनों का शोषण करता । हम उस व्यक्ति को दंड देने के बजाए अपनों को या समाज को दंड देने लगते है । समाज और रिश्ता इसीलिए होता है क्या हम अपना और समाज का शोषण होता देखते रहें समाज और संबंध इसलिए नहीं बनाया गया था बल्कि समाज और संबंध इस लिए बनाए गए की कोई बाहरी व्यक्ति हमारा या हमारे समाज को शोषण न कर सके जब समाज का कोई व्यक्ति हुए शोषण पर आवाज उठाता है उसका साथ देने के बजाए हम उसको पीठ दिखा रहे होते है । इसे आत्मसम्मान कहते हो क्या ? यह सही है यदि यह सही है तो हम सब अपना शोषण करने तैयार रहें आज मेरी बारी है कल आप की बारी हैं। समाज और संबंध इसलिए बनाए गए कि पहले हम बाहरी व्यक्ति को जिसने हमारे साथ या समाज के साथ बुरा किया है पहले उसको दंड दो हम सब आपस में लड़कर फिर एक हो सकते है । यही मेरे बाबा 5 भाई थे करते थे कोई बाहरी व्यक्ति यदि आया तो पहले उसी की मरम्मत कर देते थे । बाद हम निपट लेंगे
©sanjay Kumar Mishra
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