पल्लव की डायरी घट गयी ग्रोथ ,सदमे में रुपया है मेन | हिंदी कविता

"पल्लव की डायरी घट गयी ग्रोथ ,सदमे में रुपया है मेन्युफेक्चरिंग रसातल में गया डिमांडो पर महंगाई का कहर है हलाल जनता को कर गब्बर टेक्स का असर है थप थपाते पीठ बजट से अपनी आमजन के लिये ना कोई प्रबन्ध है सर चढ़ा के कम्पनियो को स्वाद अर्थव्यवस्था का बिगड़ रहा है आमजन की अनदेखी का खामियाजा देश को भुगतना पड़ रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव""

 पल्लव की डायरी
घट गयी ग्रोथ ,सदमे में रुपया है
मेन्युफेक्चरिंग रसातल में गया
डिमांडो पर महंगाई का कहर है
हलाल जनता को कर
गब्बर टेक्स का असर है
थप थपाते पीठ बजट से अपनी
आमजन के लिये ना कोई प्रबन्ध है
सर चढ़ा के कम्पनियो को
स्वाद अर्थव्यवस्था का बिगड़ रहा है
आमजन की अनदेखी का खामियाजा
देश को भुगतना पड़ रहा है
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

पल्लव की डायरी घट गयी ग्रोथ ,सदमे में रुपया है मेन्युफेक्चरिंग रसातल में गया डिमांडो पर महंगाई का कहर है हलाल जनता को कर गब्बर टेक्स का असर है थप थपाते पीठ बजट से अपनी आमजन के लिये ना कोई प्रबन्ध है सर चढ़ा के कम्पनियो को स्वाद अर्थव्यवस्था का बिगड़ रहा है आमजन की अनदेखी का खामियाजा देश को भुगतना पड़ रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#Likho डिमांडो पर महंगाई का कहर है

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