प्रेत पर सवार हो वो नरभक्षी के स्पर्श को झेलती छीर लगा दी अंग - अंग को मधुरसपान से वो खेलती तृप्त हो गई काया शैतान की अमृत अंग की जो बिखेरती नमन है हे! जगत प्रिय जग तवायफ़ के नाम जिसे बोलती ©चाँदनी #lalishq Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto