White प्रेम कैसे पढ़ू?
प्रेम कैसे पढ़ू मैं,
शब्दों की किताब में नहीं मिलता,
न कोई अर्थ, न कोई वाक्य,
ये तो धड़कनों में बसता है,
और सांसों में बहता है।
प्रेम कोई पन्ना नहीं,
जो उलट दूं और समझ जाऊं,
ये तो एक एहसास है,
जो बिना कहे सब कुछ कह जाता है।
आंखों की भाषा में लिखा,
और मुस्कानों में छिपा,
ये वो लिपि है,
जिसे दिल पढ़ता है,
मगर जुबां कह नहीं पाती।
हर स्पर्श में, हर आहट में,
प्रेम की कोई कहानी होती है,
न कोई किताब बताती इसे,
न कोई कलम लिख पाती इसे।
तो कैसे पढ़ू प्रेम मैं?
बस महसूस करूं,
दिल की गहराइयों में,
जहां शब्द खत्म होते हैं,
और एहसास शुरू।
प्रेम को पढ़ना नहीं,
जीना होता है,
हर धड़कन के साथ,
हर लम्हा, हर सांस में।
©aditi the writer
#Couple आगाज़ @Niaz (Harf) @it's_ficklymoonlight