हम अपनेख्वाहिशों के कैदी
बिन पंख न उड़ पाएंगे
खुशी अपने पंख फैलाकर
अपने मन तक पहुंच जाएंगे
ख्वाहिश अगर ना हो जीवन में
फिर इतने सारे जीवन में रंग कैसे पाएंगे
©ashish gupta
हम अपने ख्वाहिशों के कैदी
बिन पंख न उड़ पाएंगे
खुशी अपने पंख फैलाकर
अपने मन तक पहुंच जाएंगे
ख्वाहिश अगर ना हो जीवन में
फिर इतने सारे जीवन में रंग कैसे पाएंगे