इसे पानी समझने की भूल न कर
मेहनत की भट्ठी में कोयले से
जलते हुए तन की भाफ है
जो बचाती है मेरे मस्तिष्क को
वक्त के तनाव से गर्म होने से।
जो बचाती है मेरे अस्तित्व को
अहंकार की मोटी चर्बी होने से।
इसका आना प्रतीक होता है
मेरे तन के ऊर्जावान रहने का
©alka mishra
#पसीना