साथ तुम्हारा अच्छा लगता था हमे
तुम बिन
तुम्हें जताए कैसे।
राज सारे जिंदगी के बताए थे तुम्हें
तुम बिन
हाल –ए –दिल तुम्हें बताए कैसे।
आइना बनाया था हमने तुम्हे अपना
तुम बिन
किसी और को जख्म दिखाए कैसे।
खुद को भुला कर तुम्हे अपनाया था
तुम बिन
अब खुद ही हम तुम्हें भुलाए कैसे।
वजह बनाया था जीने की तुम्हें अब
तुम बिन
जिया जाए कैसे।
©Ankit writer
#8LinePoetry