"White *आपसे मन की बात*
*परिपक्वता* या कहो बुढ़ापे में
*बढ़ती* हुई उम्र के साथ साथ
*बहुत* कुछ बदल जाता है
*पहले* हम जिद कर सकते थे
*अब* सिर्फ समझौता करते है
*पहले* हम गुस्सा कर सकते थे
*अब* सिर्फ हौसला ही करते है
*पहले* मनचाहा खाते बनाते थे
*अब* अनचाहा भी खाते है
*जुल्म* तो ये हुआ है कि लोग
*फिर* भी इसे आदर कहते है
*और* सम्मान का नाम भी देते है
*यही सच है*
©Andy Mann"