युगों से इस धरती के राजा राम...
जन्मभूमि अयोध्या राम का धाम ,
कालांतर में क्षति हुई जो राजमहल को..
अब पूर्ण हुए मनोरथ धाम के नाम..
त्रेता युग में मिला था वनवास,
कलयुग में भी तिरपाल में किया वास..
अब आ रहे हैं रघुनाथ अपने गृह में,
शोभायमान अयोध्या,उत्सव देश भर में..
गूंज रहा चहुँ ओर,
दसों दिशाओं में राम का नाम,
रघुपति राघव राजा राम..
पतित पावन सीता राम..
हनुमान गढ़ी के रामदास हनुमंत,
भक्ति में लीन सभी जन ,संत-महंत..
कलयुग में जैसे त्रेता युग लौट आया..
देंगे दर्शन तीनो भ्रात सहित सीता रघुराया..
राम मन्दिर सनातन का प्रमाण...
राम नाम के आगे नतमस्तक विज्ञान..
जब जब कोई विपदा आयी,
अब भी दर्शन देते अयोध्या में हनुमान..
धन्य हुआ ये मानस जीवन,
समर्पित हर्ष के अश्रु सुमन..
करो सबका कल्याण प्रभु..
सबको सन्मति दो भगवान्..
सपना चंचल✍️
©Chanchal's poetry
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