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मैंने "हूँ" पे अपनी कविता ख़त्म की है तो आपलोग "हूँ | हि

मैंने "हूँ" पे अपनी कविता ख़त्म की है तो आपलोग "हूँ' से या "ह" से अपनी रचना लिखे और डाले...



#PoeticAntakshri
#PoericAntakshri
#Nojoto

sweta Neha Bharti
sweta Neha Bharti

Aur ap hun se likh sakte ho

4 y 2 Love
Rishika Srivastava
Rishika Srivastava "Rishnit"

sweta Bharti haa bilkul mai हूँ शब्द से likh sakti hun

4 y 0 Love
Nisheeth pandey
Nisheeth pandey

👌 👌 👌 👌

4 y 1 Love
Rishika Srivastava
Rishika Srivastava "Rishnit"

Nisheeth pandey thnku

4 y 1 Love
Anshu writer
Anshu writer

👍 👍 👍 👍 👍 👍bahut khoob

4 y 1 Love
sahib
sahib

Shandaar

4 y 1 Love
Rishika Srivastava
Rishika Srivastava "Rishnit"

sahib khan صاحب خان thnku

4 y 0 Love
Love Guru
Love Guru

👌 👌 👌 👌

4 y 1 Love
Love Guru
Love Guru

Kindly invited to visit my profile..... And if you like then book my live event 💯 👍 😍

4 y 1 Love
Rishika Srivastava
Rishika Srivastava "Rishnit"

Sarvesh Akbarpuri thnku

4 y 0 Love
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White क्यों न जानूं मैं तुझे, क्यों न जाने तू मुझे, कहती है दुनिया, प्यार और जंग में सब जायज़ है। तू कबूल ले मुझे, यही खुदा से फरमाईश है। मेरे मन में बैठी तू, संगीत की धुन कोई, गाती कोयल, नया अनुराग सा कोई। तुझसे रिश्ता है मेरा, अजीज़ कोई, जैसे हवाओं का पत्तों से वास्ता कोई, लहरों का किनारे पर रास्ता कोई। तुझे न देखूं, ऐसा होगा नहीं, तुझे देखना मेरी फितरत में है। चुपके से देख लूं एक बार तुझे, थोड़ा अजीब ही सही, तेरे पैरों की आहट से, मुझे प्यारी सी घबराहट है कोई। देख ले एक बार मुझे, इसी में है राहत मेरी, तू आए न आए, तेरे दीदार को, मेरी तरसती आँखों का इंतजार ही सही। मेरी इबादत जरूर, एक दिन रंग लाएगी, जब तेरी ये चंचल आँखें मुझ पर रुक जाएंगी। तुझसे है रिश्ता मेरा, अजीज़ कोई, तुझे न देखूं, ऐसा होगा नहीं। ©Ajay Singh Bisht

 White   क्यों न जानूं मैं तुझे, क्यों न जाने तू मुझे,
कहती है दुनिया, प्यार और जंग में सब जायज़ है।
तू कबूल ले मुझे, यही खुदा से फरमाईश है।

मेरे मन में बैठी तू, संगीत की धुन कोई,
गाती कोयल, नया अनुराग सा कोई।
तुझसे रिश्ता है मेरा, अजीज़ कोई,
जैसे हवाओं का पत्तों से वास्ता कोई,
लहरों का किनारे पर रास्ता कोई।

तुझे न देखूं, ऐसा होगा नहीं,
तुझे देखना मेरी फितरत में है।
चुपके से देख लूं एक बार तुझे, थोड़ा अजीब ही सही,
तेरे पैरों की आहट से, मुझे प्यारी सी घबराहट है कोई।

देख ले एक बार मुझे, इसी में है राहत मेरी,
  तू आए न आए, तेरे दीदार को, 
मेरी तरसती आँखों का इंतजार ही सही।

मेरी इबादत जरूर, एक दिन रंग लाएगी,
जब तेरी ये चंचल आँखें मुझ पर रुक जाएंगी।

तुझसे है रिश्ता मेरा, अजीज़ कोई,
तुझे न देखूं, ऐसा होगा नहीं।

©Ajay Singh Bisht

#GoodMorning #हिंदी कोट्स #लाइफ कोट्स #फ्रेंड्स कोट्स #कोट्स इन हिंदी

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