बलात्कार सिर्फ शारीरिक नही होता मौखिक रूप से भी किया जाता है और उसपर किसी को कोई आपत्ती भी होती,
जब हम किसी को गाली देते है तो वो मां बहन या बेटी की होती है ये बलात्कार नही तो क्या है फर्क बस इतना है कि जहां शरीर को नोंचा जाता है वहां शब्दो से मन को आहत किया जाता है क्या हमे इस बात पे शर्म नही आनी चाहिए शिक्षित हो या अशिक्षित सभी बड़े आराम से किसी की भी बहन बेटी मां को गाली दे देते है और उन्हें इस बात का यहसास भी नहीं होता कि वो कितना घृणित कार्य करते है।यदि हम अपने घर की औरतों और बेटियों की इज्जत करते है तो हमे गाली देना बंद करना होगा यही वास्तव में स्त्रियों का सम्मान होगा। तो कृपया स्त्रियों के सम्मान के लिय न गाली दे और न ही किसी को देने दे।
इस रक्षाबंधन पर सभी बहनों की तरफ से विनम्र आग्रह है अपनी बहनों के लिए गाली का त्याग करें।
(चाहत)
©Chahat Kushwah