लिखना चाहता हूं तेरे गुरुर पर , लेकिन.... बताना भी | हिंदी Shayari

"लिखना चाहता हूं तेरे गुरुर पर , लेकिन.... बताना भी चाहता हूं अपने सुकून पर। तेरी बातों का लहजा मुझे जचता नहीं , पर सच ये भी है कि.... अब तुझसे बिन बात किए मेरा दिन कटता नहीं। कांटों की तरह अल्फ़ाज़ होता हैं तुम्हारा , पर उसे भी हम अपना कहेंगे.... क्योंकि उन कांटों के पीछे ,गुलाब तुम हमारा। माना अनजान सलिखा है तुम्हारा मगर ठाना हमने भी है... तुझे बनाना है ,अपना हमारा। ©Sanjay Manas"

 लिखना चाहता हूं तेरे गुरुर पर ,
लेकिन....
बताना भी चाहता हूं अपने सुकून पर।

तेरी बातों का लहजा मुझे जचता नहीं ,
पर सच ये भी है कि.... अब
तुझसे बिन बात किए मेरा दिन कटता नहीं।

कांटों की तरह अल्फ़ाज़ होता हैं तुम्हारा ,
पर उसे भी हम अपना कहेंगे....
क्योंकि उन कांटों के पीछे ,गुलाब तुम हमारा।


माना अनजान सलिखा है तुम्हारा
मगर ठाना हमने भी है...
तुझे बनाना है ,अपना हमारा।

©Sanjay Manas

लिखना चाहता हूं तेरे गुरुर पर , लेकिन.... बताना भी चाहता हूं अपने सुकून पर। तेरी बातों का लहजा मुझे जचता नहीं , पर सच ये भी है कि.... अब तुझसे बिन बात किए मेरा दिन कटता नहीं। कांटों की तरह अल्फ़ाज़ होता हैं तुम्हारा , पर उसे भी हम अपना कहेंगे.... क्योंकि उन कांटों के पीछे ,गुलाब तुम हमारा। माना अनजान सलिखा है तुम्हारा मगर ठाना हमने भी है... तुझे बनाना है ,अपना हमारा। ©Sanjay Manas

#roseday

People who shared love close

More like this

Trending Topic