फूलों सी ✍️आज की डायरी✍️
तुम्हारे लिये.. ✍️✍️✍️
वजह बनना है तो मुस्कुराहट की बनो तुम ,
हर किसी के दिल की बस चाहत बनो तुम ।।
परेशान तुमसे भी ज्यादा हैं लोग इस जहाँ में ।
उनके लिए मददगार की आहट बनो तुम ।।
उदासियां बहुत हैं इस जिंदगी के सफ़र में ।
उनसे निकलने की एक सरसराहट बनो तुम ।।
जो जज़्बा अन्दर हो उसे बाहर निकलने दो ,
औरों में हौसला हो ऐसी कहावत बनो तुम ।।
दर्द कितना भी रहे चेहरे पर न आने देना ।
शोरूम के पुतले की तरह दिखावट बनो तुम ।।
काटों के बीच गुलाब की तरह खिले रहो "नीरज" ।
हर जश्न- ए-महफ़िल की सजावट बनो तुम ।।
✍️नीरज✍️
©डॉ राघवेन्द्र
#dilkibaat