पल्लव की डायरी
रूठना मनाना हंसी ठिठोली
जरिया प्यार बढ़ाने का है
मिले सकून दोनों दिलो को
हार कर भी मीत को मनाना है
जिंदगी जिस भी मोड़ पर हो
बस साथ निभाना है
ना हो कोई उलाहना
ना कम किसी को आंकना है
कीमत एक दूसरों की बनी रहे
वह अमर प्यार उसके दिल मे जगाना है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#tereliye अमर प्यार उसके दिल मे जगाना है