अब साथ में स्कूटी पे चक्कर नहीं लगाते, और 5 मिनट ब | हिंदी Shayari

"अब साथ में स्कूटी पे चक्कर नहीं लगाते, और 5 मिनट बोलकर शहर से बाहर भी नहीं जाते, वह मिलती नहीं है पर याद बहुत आती है, याद भी बहुत है लेकिन शहर भी अलग है।। ©Ashvani Kumar"

 अब साथ में स्कूटी पे चक्कर नहीं लगाते,
और 5 मिनट बोलकर शहर से बाहर भी नहीं जाते,
वह मिलती नहीं है पर याद बहुत आती है,
याद भी बहुत है लेकिन शहर भी अलग है।।

©Ashvani Kumar

अब साथ में स्कूटी पे चक्कर नहीं लगाते, और 5 मिनट बोलकर शहर से बाहर भी नहीं जाते, वह मिलती नहीं है पर याद बहुत आती है, याद भी बहुत है लेकिन शहर भी अलग है।। ©Ashvani Kumar

#fog शहर भी अलग है

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