इक के बाद एक साल, कितने साल
ज़ीस्त का ऐसा हाल, कितने साल
दिल पे ज़ख़्म और ज़ख़्म, कितने ज़ख़्म
हो ये दिल पाएमाल , कितने साल
तुझ पे रश्क और रश्क, कितना रश्क
कर सकेगा हिलाल, कितने साल
दश्त-ए-खुश्क और खुश्क कितना खुश्क
जिए हम तश्ना हाल, कितने साल
हम पे ज़ुल्म और ज़ुल्म कितना ज़ुल्म
खूं रहे बेउबाल कितने साल
लब पे झूठ और झूठ कितने झूठ
तू करेगा बहाल, कितने साल
' मानी ' दर्द और दर्द कितना दर्द
कर खुदा से सवाल, कितने साल
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©Mustafa Dhorajiwala 'Maani'
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