White मर्यादा के ध्वजवाहक, आदर्शों के दीप,
धरा पर आए राम, सत्य के थे समीप।
धनुष-बाण हाथों में, धीर और गंभीर,
मर्यादा की महिमा में, उनका था अतीव।
रघुकुल की शान थे, वचन के प्रति दृढ़,
हर कठिनाई में रहे, धर्म के पथ पर अडिग।
राज्य त्याग वन गमन, हर कदम में धैर्य,
साधुता के पथ पर, रखा हर पल संयम का भैर्य।
सीता के प्रति प्रेम था निर्मल और पावन,
हर विपदा में उनका साथ था अडिग और अमर।
लंका विजय से फिर किया, धर्म का उद्धार,
रावण के अहंकार को, मिटाया सदा के लिए पार।
मर्यादा पुरुषोत्तम, राम का वो रूप,
जिसमें सजीव है सत्य, धर्म, और भव्य स्वरूप।
उनके आदर्श आज भी देते हमें सीख,
सद्गुण, संयम, और न्याय की करते वो अभिव्यक्ति अनमोल।
राम का चरित्र है सदा अमर,
जीवन के हर मोड़ पर, वो बने प्रेरणा के स्वर।
©aditi the writer
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