बहुत वक़्त हमसफ़र तुझे भुलाने में गया मेरे अरमानों | हिंदी शायरी

"बहुत वक़्त हमसफ़र तुझे भुलाने में गया मेरे अरमानों का जखीरा था हर्जाने में गया।। ©Dr Amit Gupta"

 बहुत वक़्त हमसफ़र तुझे भुलाने में गया
मेरे अरमानों का जखीरा था हर्जाने में गया।।

©Dr Amit Gupta

बहुत वक़्त हमसफ़र तुझे भुलाने में गया मेरे अरमानों का जखीरा था हर्जाने में गया।। ©Dr Amit Gupta

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