बेकाबू भीड भरे शहर में
मैंने अंदर से खुद को कितना अकेला पाया है
जज्बात होंठों पर आ नहीं पाते अब,
क्योंकि इस जमाने में नकाब पहनें लोगों का हर तरफ साया है,
यहां फुर्सत नहीं मिलती लोगों को दिल दुखाने से
चेहरे पर झूठी मुस्कान लिए , दिल में नफरत का बाजार बनाया है
©Jitender Sharma
#GoldenHour