White यहांँ लोग कहकर मुकरने लगे हैं। पता आजकल वो | हिंदी शायरी

"White यहांँ लोग कहकर मुकरने लगे हैं। पता आजकल वो बदलने लगे हैं।। मिला साथ तेरा बहकने लगा हूँ। दिवाना मुझे सब समझने लगे हैं।। उन्हें देखकर होश खोने लगे हम। नयी प्रीत के पुष्प खिलने लगे हैं।। हमारे सहारे चले कल तलक जो। वही हाथ अब तो झटकने लगे हैं।। हमें याद उनकी सताने लगी है। हमारी तरह वो तड़पने लगे हैं।। जिन्हें राज दिल का बताया गया था। वही राज मिल कर उगलने लगे हैं।। मिली आज नजरें किया फिर इशारा। तरुण की गली से गुजरने लगे हैं।। ©Tarun Rastogi kalamkar"

 White 

यहांँ लोग कहकर मुकरने लगे हैं।
पता आजकल वो बदलने लगे हैं।।

मिला साथ तेरा बहकने लगा हूँ।
दिवाना मुझे सब समझने लगे हैं।।

उन्हें देखकर होश खोने लगे हम।
नयी प्रीत के पुष्प खिलने लगे हैं।।

हमारे सहारे चले कल तलक जो।
वही हाथ अब तो झटकने लगे हैं।।

हमें याद उनकी सताने लगी है।
हमारी तरह वो तड़पने लगे हैं।।

जिन्हें राज दिल का बताया गया था।
वही राज मिल कर उगलने लगे हैं।।

मिली आज नजरें किया फिर इशारा।
तरुण  की  गली  से  गुजरने  लगे हैं।।

©Tarun Rastogi kalamkar

White यहांँ लोग कहकर मुकरने लगे हैं। पता आजकल वो बदलने लगे हैं।। मिला साथ तेरा बहकने लगा हूँ। दिवाना मुझे सब समझने लगे हैं।। उन्हें देखकर होश खोने लगे हम। नयी प्रीत के पुष्प खिलने लगे हैं।। हमारे सहारे चले कल तलक जो। वही हाथ अब तो झटकने लगे हैं।। हमें याद उनकी सताने लगी है। हमारी तरह वो तड़पने लगे हैं।। जिन्हें राज दिल का बताया गया था। वही राज मिल कर उगलने लगे हैं।। मिली आज नजरें किया फिर इशारा। तरुण की गली से गुजरने लगे हैं।। ©Tarun Rastogi kalamkar

#प्यार_और_फ़रेब

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