"#OpenPoetry कर्ण-कुन्ती संवाद...।।
गर ममता तेरी जागी होती तो माता बनकर आती ना,
पर तू तो दानवीर से दान लेने आई हैं।
जा मान तेरा रखता हूँ, मैं दान तुझको देता हूँ,
पाँच बाण सौपता हूँ, तेरे पाँच पुत्र छोड़ता हूँ।।
पाँच की माता हैं तू, पाँच का गौरव रहेगा,
कर्ण और अर्जुन में से, केवल एक ही जिएगा।
क्षमा करना मुझको माता इससे बढ़कर कुछ दे सकता नहीं,
तेरा ही जाया हुआ हूँ, तू कपूत कहे तो कपूत सही।।
-विशाल कुमार (छोटे ठाकुर) #NojotoQuote"